देहरादून. उत्तराखंड में मॉनसून जमकर बरस रहा है. आलम यह है कि जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. मौसम विभाग ने नैनीताल, टिहरी, देहरादून, पौड़ी,चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में भारी बारिश की संभावना जताई है और इन सात जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. इस दौरान कहीं- कहीं आकाशीय बिजली और तेज़ आंधी की भी चेतावनी जारी की गई है. बड़ी बात है कि प्रदेश में 6 दिन से रुक-रुक बारिश हो रही है.
जानकारी के अनुसार, चमोली जिले में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के फिर से बंद हो गया है. यहां प छिनका के पास फिर से सड़क पर मलबा आया है. इससे पहले यह मार्ग लगभग 18 घंटे बाद खुला था लेकिन अब एक बार फिर से सड़क बंद होने से लोगों की समस्या बढ़ी है.
बारिश के चलते प्रदेश भर में 6 स्टेट हाईवे समेत 70 सड़के बंद हैं. दरअसल, लगातार बारिश के कारण नदियों का जलस्तर उफान पर है. देहरादून से लगे डोईवाला क्षेत्र में सौँग और सुसवा नदी में भी खतरा बना हुआ है..यहां एहतियातन तहसील प्रशासन की गाड़ियां घूम घूम कर लोगों से नदी क्षेत्रों से दूर रहने की अपील कर रही हैं.
चमोली के छिनका में पहाड़ी टूटने का एक और वीडियो आया सामने आया है. बड़े-बड़े पेड़ और पत्थर सड़क पर आ गिरे हैं, जिससे सड़क मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है मार्ग. बाधित होने से चारों धाम यात्री भी मार्ग में फंसे हुए हैं. हालांकि मार्ग खोलने का काम अभी भी जारी है. देर रात तक मार्ग खुलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं, लेकिन मौसम बदलने से दिक्कतें भी हो रही हैं. रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है.
आपदा के लिहाज से इस बार जोशीमठ नगर और कर्णप्रयाग अति संवेदनशील माने जा रहे हैं. यहां जनवरी महीने में आई दरारें मानसून में दिक्कतें पैदा कर सकतीं है. 2 जनवरी के बाद जोशीमठ में निरंतर दरारे बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ जिसमें लगभग 181 परिवार प्रभावित हुए तो वहीं 800 से अधिक घर डेंजर जोन, ग्रीन जोन,यलो जोन में रखे गए हैं. सरकार जोशीमठ में अभी भी राहत और बचाव कार्य कर रही है. प्रभावित परिवारों को राशन, मुआवजा वितरित किए जा रहे हैं. लेकिन चिंता मानसून की हो रही है. अगर मानसून में बारिश ज्यादा हुई तो समस्याएं बढ़ सकती हैं.
अब तक क्या क्या हुआ
चमोली के छिनका में पहाड़ी टूटने का एक और वीडियो सामने आया है. बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले 10 घंटों से छिनका के पास बंद पड़ा हुआ है. हाईवे के दोनों तरफ यात्री वाहन फंसे हुए हैं. ऐसे में प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग पर यातायात सुचारू कर दिया है. जोशीमठ के मारवाड़ी में अलकनंदा नदी के तट पर SDRF और पुलिस टीम ने पिछले 3 दिनों से फंसे हुए कुत्ते को सुरक्षित बाहर निकाला है. पिछले 3 दिन से लगातार रेस्क्यू करके बेजुबान को बचाने की कोशिश की जा रही थी. बागेश्वर में मानसूनी बारिश से सरयू और गोमती नदी का जलस्तर बढ़ गया है. चार मोटर मार्ग पर भारी मात्रा में मलबा, बोल्डर और पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हुआ है. आपदा विभाग ने कड़ी मशक्त के बाद तीन सड़कें खोल दी हैं.
उधर, NH 94 पर भूस्खलन और पहाड़ी से बड़े बड़े बोल्डर गिरे हैं. जिस कारण गंगोत्री हाइवे पर बड़ी दरारें पड़ गयी हैं. गंगोत्री की तरफ मनेरी झरने के पास पहाड़ी से गिरे पत्थरों से हाईवे को नुकसान हुआ है. बारिश के चलते भूस्खलन से पूर्व राज्य मंत्री भगतराम कोठारी के घर का पिछला हिस्सा टूटा गया है. सिंचाई विभाग के अधिकारी परमिशन देने के बाद भी निर्माण कार्य में बाधा डाल रहे थे और कोर्ट ने गंभीरता को देखते हुए स्टे दिया है.
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FIRST PUBLISHED : June 30, 2023, 07:54 IST