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स्वंयसेवक संघ ने मनाया विजयादशमी उत्सव…मस्तूरी हाईस्कूल प्रांगण में हुआ आयोजन..पथ संचलन का जगह जगह हुआ स्वागत

मस्तूरी – खंड के स्वयंसेवको द्वारा हाई स्कूल मस्तूरी प्रांगण में विजयदशमी उत्सव मनाया गया, जहाँ नियमित शाखा में किए जाने वाले अभ्यास का प्रदर्शन दंड, नियुद्ध, योग, समता इत्यादि किया गया, इस अवसर पर मुख्य वक्ता तरनीश गौतम ने बताया कि विजय दशमी के दिन सन 1925 में डा केशव बलिराम हेडगेवार जी ने कुछ बच्चो को साथ लेकर शाखा लगाकर संघ की स्थापना की आज विश्व के 40 देशों में संघ के कार्यकम चलते है देश में 70 हजार से अधिक शाखाएं लगती है संघ अपने 100 वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है

इसलिए प्रत्येक स्वयंसेवक का दायित्व है भारत माता के लिए तन मन धन से निश्वार्थ बुद्धि से देश की सेवा में अपना जीवन लगाए उसके पश्चात पथ संचलन किया गया, जिसका मस्तूरी, किरारी में जगह जगह पुष्पवर्षा, रंगोली एवम फाटकों से नागरिकों एवं मातृशक्ति ने स्वागत किया गया, तत्पचात विद्यालय प्रांगण में प्रसाद के रूप खिचड़ी का वितरण किया गया, इस दौरान मस्तूरी किरारी में उत्सव का माहौल रहा कार्यक्रम में लगभग 250 स्वयंसेवक ने हिस्सा लिया।

ग़ौरतलब है कि विजयादशमी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गहरा संबंध है। संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन, नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी द्वारा की गई थी। इसलिए, यह दिन संघ के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और हर साल विजयादशमी को संघ का स्थापना दिवस मनाया जाता है। विजयादशमी को संघ में शक्ति और संगठन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

इस दिन, संघ के स्वयंसेवक ‘पथ संचलन’ करते हैं और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है। यह दिन संगठन के लिए नई ऊर्जा और दिशा तय करने का अवसर भी होता है। विजयादशमी को संघ की विचारधारा के अनुसार नैतिक और सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है, जो राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की प्रेरणा देता है।

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