छत्तीसगढ़

बिना लाइसेंस के चल रहा था अस्पताल, इलाज नहीं मिलने से मासूम की मौत, प्रशासन ने किया सील, आखिर किसके संरक्षण में चल रहा था हॉस्पिटल!

लोरमी. मुंगेली जिले के लोरमी में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। कुछ माह पहले जिस अस्पताल में एक नवविवाहिता गर्भवती महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई थी, उसी अस्पताल को “बुध केयर हॉस्पिटल” के नाम से फिर से संचालित किया जा रहा था। यहां एक नवंबर को बांधी गांव के 7 वर्षीय आदिवासी बालक धनंजय, जो मस्तिष्क ज्वर के झटके से पीड़ित था, की गलत इलाज से मौत हो गई। यह अस्पताल बिना लाइसेंस के चल रहा था।

मीडिया में खबर प्रसारित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत संज्ञान लिया और अस्पताल को सील कर दिया। साथ ही डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया गया। इस घटना में अस्पताल संचालक और फर्जी डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें जेल भेजा गया। पहले भी अस्पताल को सील किया गया था, लेकिन अब फिर से नया मामला सामने आने पर लोरमी के एसडीएम अजीत पुजारी, एसडीओपी माधुरी धिरही, जिला नोडल डॉ. खैरवार और बीएमओ डॉ. जीएस दाऊ सहित पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुध केयर अस्पताल में छापेमारी की।

अस्पताल में बिना अनुमति के आईसीयू में तीन मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था और बिना लाइसेंस के खुलेआम नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन हो रहा था। जांच के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया और फर्जी डॉक्टर को हिरासत में ले लिया गया। मौके पर मौजूद डॉक्टर गोकुल कुमार ने एसडीएम और एसडीओपी से बदसलूकी भी की।

फर्जी अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी : एसडीएम

एसडीएम अजीत पुजारी ने बताया कि लोरमी के बुध केयर हॉस्पिटल का संचालन फर्जी तरीके से किया जा रहा था, जिसमें एक मासूम की मौत गलत इलाज के कारण हुई। उन्होंने कहा कि बिना मान्यता के निजी क्लिनिक का संचालन करने की शिकायत सही पाई गई है। इसके अलावा डॉक्टर ने बदसलूकी की है, जिसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि फर्जी क्लिनिक और अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

 जांच के दौरान बदसलूकी पर एसडीओपी की प्रतिक्रिया

लोरमी एसडीओपी माधुरी धिरही ने बताया कि बुध केयर हॉस्पिटल की जांच के समय डॉक्टर ने अधिकारियों से बदसलूकी की और जांच में बाधा डाली। डॉक्टर के खिलाफ कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

प्रशासन को झूठी जानकारी देकर किया गुमराह

जिला प्रशासन को दिए गए आवेदन में मकान मालिक ने शर्त रखी थी कि भवन का इस्तेमाल अस्पताल के लिए नहीं होगा, फिर भी मकान किराए पर देकर अस्पताल का संचालन किया गया।

आदिवासी समाज का आक्रोश और ज्ञापन 

बांधी गांव के 7 वर्षीय बालक धनंजय के परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था, लेकिन बाद में दलालों के बहकावे में आकर बुध केयर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया, जहां गलत इलाज के कारण उसकी मौत हो गई। इस पर आदिवासी समाज ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग की है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि परिजनों को किसके द्वारा बहकाकर इस अस्पताल में लाया गया था।

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