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भ्रष्टाचार की हद हुई पार…मस्तूरी के कुकुर्दीकेरा का सरपंच-सचिव का खेला और लाखों का गबन

भ्रष्टाचार की हद हुई पार मस्तूरी के कुकुर्दीकेरा का सरपंच महेंद्र सेन सचिव बाबूलाल गेंदले द्वारा मामला, निर्माण और मरम्मत कार्य के लिए निकाली गई राशि पर काम नहीं कराया

₹15 लाख का गबनः बिना काम कराए सरपंच और सचिव ने 49 हजार के 27 प्रस्ताव से राशि निकाली

मस्तूरी  :- जनपद पंचायत मस्तूरी के ग्राम कुकुर्दकिरा में सरपंच व सचिव ने बिना काम कराए 15 लाख रुपए का गबन कर लिया। उन्होंने नियमों की शिथिलता और अफसरों से मिलीभगत कर इस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। दरअसल 15वें वित्त मद के तहत 50 हजार से कम की राशि के लिए सरपंचों को एस्टीमेट बनाने की जरूरत नहीं होती है। इसी का फायदा उठाकर सरपंच व सचिव ने 49 हजार के 27 प्रस्तावों से रकम निकाल ली। पड़ताल में पता चला कि जिन कामों के नाम पर करीब 15 लाख रुपए निकाले गए, मौके पर उनका नामोनिशान नहीं है।

अपने खर्चे पर वार्डवासियों ने हैंडपंप मरम्मत कराई

वार्ड नं 5 के पांच चेतन चक्रधारी ने कहा कि वार्ड नं 4, 5 और 6 में हैंडपंप खराब हो गया था। मरम्मत कार्य करने के लिए सरपंच से मांग की गई थी। उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वार्डवासियों ने अपने खर्च पर हैंडपंप की मरम्मत कराई। गांव के विकास के लिए आए रुपए का उपयोग भी सरपंच निजी कायों के लिए कर रहे हैं और बिना निर्माण कार्य किये ही रुपए निकाले जा रहे हैं।

शिक्षक और युवा समिति ने स्कूल परिसर में मुरूमीकरण कराया

ग्राम कुकुर्दकिरा में मेघनाथ के घर के पास सरपंच और सचिव ने पुलिया निर्माण के लिए 44 हजार रुपए निकाले हैं, लेकिन यहां पुलिया है ही नहीं। इसी तरह नदी पहुंच मार्ग पर पुलिया निर्माण में भी बड़ा खेल किया गया है। सरपंच और सचिव ने काम पूरा बताकर 49 हजार रुपए निकाल लिए, लेकिन दोनों ही जगह निर्माण कार्य नहीं हुए। गांव में जगह-जगह नाली मरम्मत कार्य के नाम पर प्रस्ताव बनाकर लाखों रुपए निकाले गए हैं, लेकिन काम नहीं कराया है। वार्ड की नालियां खस्ताहाल हैं। लाखों रुपए का मुरूमीकरण मिडिल स्कूल के हेड मास्टर उपेंद्र नंद ने कहा कागजों में ही सीमित है। जिस हैंडपंप की कि पंचायत ने स्कूल में कोई कार्य नहीं कराया मरम्मत के नाम पर पैसे गबन कर लिए गए हैं, है। बारिश के मौसम में स्कूल परिसर में कीचड़ ग्रामीण उसे चंदा कर ठीक करा रहे।

• कुकुर्दकिरा में 15वें वित्त के तहत 15 लाख रुपए निकाले गए, लेकिन काम नहीं कराया। इसकी जानकारी है या नहीं? -पैसे निकलने और निर्माण कार्य नहीं कराने की स्पष्ट जानकारी मेरे पास नहीं है।

• जनपद स्तर से राशि जारी करने के बाद निर्माण कार्यों की जांच होती है या नहीं?

-कार्यों की जांच की जाती है। सब इंजीनियर कार्यों का मूल्यांकन करते हैं। और एसडीओ सत्यापन करते हैं। • मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाएगी?

-सरपंच को पहले भी नोटिस जारी किया जा चुका है। यदि पद में रहते हुए कार्य पूरा नहीं कराएंगे तो कर्रवाई की जाएगी।

49 हजार के 27 प्रस्ताव बनाकर लाखों रुपए निकाले गए। इसमें आंगनबाड़ी मरम्मत, पंचायत मार्ग में गेट मरम्मत, पंचायत मार्ग में गेट मरम्मत, नदी पहुंच मार्ग में पुलिया निर्माण, वार्ड नंबर 1 से लेकर 7 तक नाली मरम्मत, स्कूल में बोर मरम्मत, नल मरम्मत, हरदी प्राइमरी स्कूल गेट का काम, नाला मरम्मत, गली मरम्मत जैसे कई कार्य हैं। इसके अलावा स्टेशनरी कार्य के भुगतान के लिए 13,300 हजार, पुलिया निर्माण के लिए 44 हजार, विकसित भारत संकल्प यात्रा में लगे टेंट का भुगतान करने 6 हजार जैसी छोटी राशियां भी निकाली गई। मामले की जानकारी लेने कुकुर्दकिरा के सचिव बाबूलाल गेंदले को कॉल लगाया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। जिन कामों के लिए पैसे निकले, वह पूरे हो गए हैं गांव में विकास कार्य और मरम्मत कार्य के लिए जितने भी पैसे निकाले गए थे, उसे पूरा कर लिया गया है। आरोप बेबुनियाद हैं।

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