रायपुर :- छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने कांग्रेस शासनकाल में चल रही योजनाओं के नाम बदलने की प्रक्रिया को जारी रखते हुए एक और बड़ा फैसला लिया है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ‘तीरथ बरत योजना’ के नाम से संचालित योजना को अब फिर से ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ के नाम से चलाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में सरकार ने आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी है।
डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में 2012 में इस योजना की शुरुआत की गई थी। इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न धार्मिक स्थलों की यात्रा कराई जाती थी। लेकिन 2018 में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद इसका नाम बदलकर ‘तीरथ बरत योजना’ कर दिया था।
सरकार के इस निर्णय को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच राजनीति गरमा सकती है। माना जा रहा है कि नाम बदलने के इस कदम से सरकार अपनी पूर्ववर्ती योजनाओं को पुनर्जीवित करने और जनता को जोड़ने का प्रयास कर रही है।
योजना का उद्देश्य:
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक यात्राओं के माध्यम से आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करना है। इसके तहत सरकार बुजुर्गों को तीर्थ स्थलों तक निशुल्क यात्रा की सुविधा देती है।
वर्तमान सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि नाम बदलने की प्रक्रिया के साथ-साथ योजना के क्रियान्वयन और सुविधाओं में सुधार पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।