ग्वालियर: जिले के सिंधिया स्कूल के एक छात्र ने अपनी मेहनत के बल पर एक बड़ा कमाल किया है। उसने एक ऐसा ड्रोन बनाया है, जिसे दुनिया भर में यूनिक माना जा रहा है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यह पहला ऐसा ड्रोन है, जिसमें एक व्यक्ति बैठकर उड़ान भर सकता है। 12 वीं में पढ़ने वाले छात्र मेदांश त्रिवेदी ने इसका सफल परीक्षण भी किया है। छात्र ने खुद इस ड्रोन में बैठकर इसका सफल परिक्षण किया।
दरअसल, ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में 12 वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्र मेदांश त्रिवेदी ने 3 महीने कड़ी मेहनत की। करीब साढ़े तीन लाख रुपए की लागत से इस ड्रोन को तैयार किया गया है। छात्र ने बताया कि जब वह कक्षा सातवीं में था तो स्कूल के टीचर मनोज मिश्रा ने क्लास में हेलीकॉप्टर उड़ने की तकनीकी पढ़ाई थी। वहीं से ड्रोन बनाने की प्रेरणा मिली थी। वह अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर चीन के ड्रोन देखता था। कोविड काल में उसने यूट्यूब पर तमाम देशों की ड्रोन टेक्नोलॉजी को समझा। उसने उस पर काम किया फिर अपने टीचर्स को बताया।
6 मिनट तक हवा में भर सकता है उड़ान
मेदांश ने बताया है कि यह एक इलेक्ट्रिक ड्रोन है। पायलट के साथ यह 6 मिनट तक हवा में उड़ान भर सकता है। इसमें लगी 2 बैट्ररी लगभग 10 मिनट में चार्ज हो जाती है। पायलट के साथ यह ड्रोन 20 मीटर तक उड़ान भर सकता है। यह अधिकतम 80 किलो का वजन लिफ्ट कर सकता है। बिना पायलट के लगभग 1 घंटे तक कितनी भी ऊंचाई तक उड़ा सकते हैं। इसकी इंजन क्षमता अभी 50 हॉर्स पावर की है। जरूरत पड़ने पर कई महत्वपूर्ण परिस्थितियों में इसका उपयोग किया जा सकता है। इसके उपकरणों को अलग-अलग खोलकर एक बैग में पैक किया जा सकता है। पूरा ड्रोन एक कार में रखकर ले जाया जा सकता है। बात दें कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और इसरो चीफ एस सोमनाथ भी मेदांश की तारीफ कर चुके हैं