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इन विभागों के अफसरों को हाई कोर्ट ने दी 3 सप्ताह की मोहलत…जानें मामला

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन ने याचिका दायर कर प्राइवेट संस्थानों को लाइफ साइंस कोर्स संचालन की अनुमति देने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से निजी संस्थानों को यह कोर्स संचालित करने की अनुमति दी थी, जिसे राज्य के स्वास्थ्य विभाग और आयुष विश्वविद्यालय ने चुनौती दी थी।

डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और आयुष विश्वविद्यालय रायपुर को एक संयुक्त बैठक आयोजित कर विवाद का हल निकालने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने तीनों विभागों के अधिकारियों को इस विवाद को सुलझाने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है और यह भी स्पष्ट किया है कि यह अंतिम अवसर होगा।

याचिका की मुख्य दलीलें

प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन ने अपनी याचिका में कहा कि पूर्व सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से निजी संस्थानों को लाइफ साइंस कोर्स संचालित करने की अनुमति प्रदान की थी। हालांकि, इस फैसले पर स्वास्थ्य विभाग ने आपत्ति जताई और आयुष विश्वविद्यालय ने भी इसका कड़ा विरोध किया। विश्वविद्यालय का कहना था कि यह कोर्स केवल आयुष विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में आता है, और निजी संस्थानों को सीधे इसकी अनुमति देना कानूनी रूप से उचित नहीं है।
आयुष विश्वविद्यालय का पक्ष

आयुष विश्वविद्यालय ने अपने जवाब में कहा कि आयुष विवि अधिनियम 2008 के तहत केवल आयुष विश्वविद्यालय को ही यह पाठ्यक्रम संचालित करने का अधिकार है। निजी संस्थानों को लाइफ साइंस कोर्स की अनुमति देना इस अधिनियम का उल्लंघन होगा और यह नियमों के खिलाफ है।

अंतिम सुनवाई और आदेश

इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई। कोर्ट ने कहा कि तीनों विभागों के बीच इस विवाद को सुलझाने का यह अंतिम मौका है, और तीन सप्ताह के भीतर संयुक्त बैठक कर समाधान निकालने का आदेश दिया गया है।

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