बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को भारी जीत मिलने के एक हफ्ते से अधिक समय बाद भी नई सरकार का गठन नहीं हुआ है। चुनाव में भाजपा 132 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। भाजपा ने घोषणा की है कि नई महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भाजपा सतर्कता के साथ कदम बढ़ रही है, क्योंकि उसके सहयोगी दलों, खासकर शिवसेना की आकांक्षाएं चुनाव में मिली भारी जीत के बाद काफी बढ़ गई हैं।
महायुति की एकता पर नेताओं की अलग-अलग राय
महायुति की एकता पर शिंदे के जोर देने के बावजूद, सहयोगी दलों के कुछ नेताओं ने अलग-अलग राय रखी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर अविभाजित शिवसेना और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा होता तो वे अधिक सीटें जीततीं। वहीं, शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने दावा किया कि यदि अजित पवार की राकांपा गठबंधन का हिस्सा नहीं होती तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी ने चुनावों में 90-100 सीटें जीती होतीं। इस पर अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।