सुकमा : माओवाद प्रभावित सुकमा जिले की चंदा नाग ने नायब तहसीलदार के पद पर चयनित होकर क्षेत्र और समाज का मान बढ़ाया। चन्दा ने अपने लगन, कठिन परिश्रम और परिवार के समर्थन से यह मुकाम हासिल किया है। चंदा का कहना है कि उनकी सफलता सुकमा जैसे माओवाद प्रभावित जिलों के युवाओं को यह विश्वास दिलाएगी कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद कड़ी मेहनत और समर्पण से अपने सभी सपने पूरे किए जा सकते हैं। चन्दा नाग की इस उपलब्धि से न केवल उनके परिवारजन बल्कि पूरे सुकमा जिले के युवाओं में गर्व का माहौल है। उनका संघर्ष और सफलता आने वाली युवा प्रतिभागियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
गंगाराम नाग और कुसुम नाग की पुत्री चंदा नाग ग्राम पाकेला, तहसील छिन्दगढ़, जिला सुकमा की निवासी हैं। उनके पिता शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। शुरू से ही चंदा पढ़ने में मेधावी रही हैं। चन्दा की प्राथमिक शिक्षा बालक आश्रम पाकेला और माध्यमिक शिक्षा छिंदगढ़ में हुई है। हाई स्कूल की पढ़ाई उन्होंने छिंदगढ़ से पूरी की और दसवीं से बारहवीं तक की शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर कंगोली, जगदलपुर में प्राप्त की। इसके बाद, चन्दा ने श्री रावतपुरा इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, कुम्हारी, दुर्ग से बैचलर ऑफ फार्मेसी की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के पश्चात उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी का निर्णय लिया और 2015 में दिल्ली जाकर दृष्टि आई.ए.एस. कोचिंग से मार्गदर्शन प्राप्त किया। कई प्रयासों के बाद संघ लोक सेवा आयोग में सफलता नहीं मिलने और कोविड के प्रभाव के कारण उन्होंने वापस अपने राज्य लौटने का निर्णय लिया।
सेल्फ स्टडी से हासिल की सफलता
दिल्ली से लौटने के बाद चन्दा ने बिलासपुर में रहकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की तैयारी की। उन्होंने बताया कि सेल्फ स्टडी और आत्मनिर्भरता की बदौलत पहले प्रयास में ही उन्होंने मुख्य परीक्षा तक का सफर तय किया। हालांकि, सफलता के शिखर तक पहुँचने में उन्हें चार प्रयास लगे। उन्होंने बताया कि असफलता से मैंने अपनी कमजोरियों को पहचाना और फिर से बेहतर तैयारी के लिए नई ऊर्जा के साथ परीक्षा की तैयारी में भिड़ जाती थी। कठिन मेहनत और लगन से तैयारी करके मेरा सीजीपीएससी 2023 में नायब तहसीलदार के पद पर उनका चयन हुआ।
प्रशासनिक क्षेत्र में जाने का सपना हुआ साकार
चन्दा ने बताया कि प्रशासनिक सेवा में जाना मेरा सपना था। माओवाद प्रभावित क्षेत्र से होकर प्रशासनिक सेवा तक का सफर तय करने से चंदा अन्य अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा बनेंगी।
मेरी सफलता में परिवार जनों और शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान
इस सफलता के सफर में चन्दा को अपने परिवार, शिक्षकों और मित्रों का भरपूर सहयोग मिला। विशेष रूप से उनके चाचा गंगाराम नाग और भाई पारस कुमार ने हर कदम पर उनका साथ दिया। चन्दा ने सुकमा के प्रशासनिक अधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के नि:शुल्क गाइडेंस और शिक्षा प्रयासों ने उन्हें आगे बढ़ने प्रेरित किया।