०० कोलवासरी की जनसुनवाई को सफल बनाने तथाकथित जमीन दलाल ने 15 पंचायतो से सहमति लेकर रचा षड्यंत्र
०० कोलवासरी प्रभावित ग्रामो में नहीं बांटा गया है सर्कुलर, जनसुनवाई की भी नहीं दी कोई सूचना
बिलासपुर : मस्तुरी क्षेत्र के ग्राम पंचायत रलिया, बेलटुकरी और भिलाई में खुल रहे अरपा कोलवासरी की जनसुनवाई को लेकर प्रभावित ग्रामो एवं क्षेत्रवासियों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है, जनसुनवाई का विरोध करने ग्रामीणों-किसानो सहित जनप्रतिनिधियों ने बीते दिनों बैठक कर विरोध की रुपरेखा व रणनीति भी बनाई है साथ ही किसी भी हाल में कोलवासरी की जनसुनवाई को सफल नहीं बनाने को लेकर एकमत होकर विरोध करने का निर्णय भी लिया है| इसी बीच कोलवासरी के तथाकथित दलाल द्वारा जयराम नगर, भिलाई, रलिया, परसदा,गतौरा, देवगांव, पाराघाट,बेलटुकरी, भनेशर, कछार,मस्तूरी, भदौरा,मोहतरा,कुडूभाटा,हरदाडीह प्रभावित ग्राम पंचायतो के सरपंचो से 7 जनवरी को होने वाले ग्राम (परसदा के खेल मैदान)मे जनसुनवाई का सहमति भी ले लिया गया हैं,जिसे अरपा कोल वाशरी द्वारा क्षेत्रीय पर्यावरण कार्यालय बिलासपुर मे जमा भी किया जा चूका है,बताया जा रहा हैं उक्त सहमति पेपर मे इन 15 पंचायतो का रिसिविंग लेटर भी हैं!
ज्ञात हो की उक्त जमीन दलाल द्वारा जमीन की खरीदी बिक्री पिछले सालो से किसानो से करता आ रहा है,और किसानो के खून पसीने की जमीन को अपने फायदे के लिए कौड़ी के भाव बिक्री करवाया गया जिससे किसानो को उद्योग नीति के तहत मिलने वाला मुआवजा और से भी वंचित किया गया हैं, वैसे भी यदि कोल वाशरी का अगर स्थापना हो जाता हैं तो, वहां क्षेत्रवासी केवल कोल डस्ट नुमा जहर ही तो खाएंगे वैसे भी अति अत्याधुनिक मशीनरी से लोडिंग अनलोडिंग डोजर मशीनों से ही तो किया जाएगा और ट्रांसपोर्टिंग तो माल गाड़ी और ट्रेलर, हाईया, और 10 चक्का से ही तो करना हैं |
ज्ञात हो कि रलिया, बेलटुकरी और भिलाई में खुल रहे कोलवासरी परसदा व जयरामनगर के बीचोबीच 60 से 70 एकड़ कृषि भूमि में अरपा कोलवासरी खोला जा रहा है यहाँ जो अब तक हरियाली बची हुई हुई है अरपा कोलवासरी के खुल जाने से वह भी पूरी तरह ख़त्म हो जायेगी, रलिया से लगे एनटीपीसी सीपत राखड बाँध से आसपास के लगभग 20 से 25 गाव राखड से परेशान है, होली त्यौहार के बाद यहाँ राखड की धुल से पूरा जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है, रहना-खाना पीना व जीना दुश्वार हो जाता है, पीने योग्य पानी राखाड के धुल से दूध की भांति दिखने लगता है वही अरपा कोलवासरी के खुल जाने से इंद्रधनुष की तरह प्रदुषण दिखने लगेगा| जयरामनगर व्यापारिक केंद्र है जहा व्यापारिक के साथ ही स्कूल-कालेज सहित सभी तरह के कार्य होते है प्रदुषण की वजह से सभी पूरी तरह से प्रभावित हो जायेंगे| इन्ही सभी मुद्दों को लेकर जनसुनवाई का विरोध किया जा रहा है जो किसी भी कीमत में कोलवासरी खुलने नहीं देंगे| क्षेत्र के मुख्य जलस्त्रोत कोलवासरी खुलने से बुरी तरह से प्रभावित होंगे जिसका खामियाजा यहाँ के ग्रामीणों-किसानो सहित आमजन को भी होगा|