School Holiday : 22 जनवरी के दिन अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। यह दिन इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। इस दिन को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक में खूब उत्साह देखने को मिल रहा है। इसी के चलते बच्चों को इस दिन का आनंद लेने में किसी प्रकार की कोई कमी ना रहे इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने 22 जनवरी को स्कूलों में छुट्टी की मांग की थी। वे चाहते थे कि बच्चे इस ऐतिहासिक दिन का आनंद ले सकें। लेकिन कर्नाटक सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है।
अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी को छुट्टी की मांग को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं के आह्वान के बीच कर्नाटक सरकार ने इस बात की प्राथमिकता दी है, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दिन पूरे देश के लिए बहुत बड़ा दिन है, लेकिन इस दिन स्कूलों की छुट्टी रखने की वजह बच्चों को इस दिन के बारे में समझाना चाहिए। यह स्कूलों के लिए एक कार्य दिवस होना चाहिए ना कि इस दिन स्कूलों में छुट्टी होनी चाहिए। यहां तक की निजी स्कूल प्रबंधकों को छात्रों के लिए समारोह को लाइव स्ट्रीम करने की योजना बनानी चाहिए। इससे बच्चों को एक साथ बैठकर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा देखने का अवसर प्राप्त होगा और बच्चे इस कार्यक्रम से बहुत कुछ सीख सकेंगे।
‘हम 22 जनवरी को स्कूलों के लिए छुट्टी की घोषणा नहीं कर रहे हैं।’ यह बात शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहीं। एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ स्कूल इन कर्नाटक (KAMS) ने अपने सभी सदस्य स्कूलों को छात्रों के लिए छुट्टी की घोषणा नहीं करने और इसकी वजह प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लाइव स्ट्रीम करने का निर्देश जारी किया है। दरअसल, ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि अगर 22 जनवरी के दिन सभी स्कूलों की छुट्टी का ऐलान कर दिया जाए, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि सभी बच्चे अपने घर पर प्राण प्रतिष्ठा को लाइव देख सकेंगे। लेकिन अगर उस दिन स्कूल में बच्चों को साथ में बिठाकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव दर्शाया जाए, तो बच्चे जरूर उसे समझेंगे और उससे जुड़ी कई बातें जानेंगे। इसलिए प्राण प्रतिष्ठा के दिन स्कूलों की छुट्टी रखना अच्छा निर्णय नहीं है।