झारखंड : झारखण्ड के मुख्यमंत्री और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए ईडी को 31 जनवरी के लिए का समय दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ED को उनकी उपलब्धता की सूचना देते हुए आज एक मेल भेजा गया है. पार्टी के सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. ईडी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर ये तय करने को कहा था कि 29 से 31 जनवरी के बीच कब पूछताछ की जाए.
जानिए क्या है पूरा मामला
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आरोप है कि बीजेपी की केंद्र सरकार झारखंड में उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है. सोरेन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत जमीन घोटाला मामले से संबंधित कथित धन शोधन की जांच के संबंध में 10 समन जारी किए गए. जांच एजेंसी दो प्रमुख मामलों की जांच की जा रही है, जिसमें राज्य की राजधानी में अवैध खनन और जमीन घोटाला शामिल है.
जमीन घोटाले का मामला सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ा हुआ है. फर्जी नाम-पता के आधार पर झारखंड में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री हुई. इस सिलसिले में रांची नगर निगम ने एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. ईडी ने उसी एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज करके जांच शुरू की थी. दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के अलावा आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जे के सिलसिले में मुख्यमंत्री से पूछताछ के लिए ED की ओर से बार-बार समन भेजा जा रहा था.
जमीन घोटाला मामले में 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन और दो व्यापारियों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है., जो राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत रहे थे. इस महीने की शुरुआत में जांच एजेंसी ने राज्य में कथित अवैध खनन की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत सोरेन के प्रेस सलाहकार, साहिबगंज जिले के अधिकारियों और एक पूर्व विधायक के परिसरों पर भी छापेमारी की थी. ईडी 2022 से राज्य में अवैध खनन से हुई आय के 100 करोड़ रुपए की जांच कर रही है.