छत्तीसगढ़

संत गुरू रविदास के विचार और आदर्श आज भी प्रासंगिकः सीएम साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज ने महासमुंद जिले के झलप में संत शिरोमणि रविदास महासभा द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय महासम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि संत गुरू रविदास के विचार और आदर्श आज भी प्रासंगिक है। हमें उनके आदर्शो का अनुशरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज को आगे बढ़ने के लिए संगठित होने के साथ-साथ शिक्षित होना भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि वे रविदास समाज के सम्मेलन में शामिल होने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। ये उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि यह समाज महान संतो का पूर्वज है। संत श्री रविदास जी के अटूट श्रद्धा के कारण गंगा मैया को उनकी कठौती में आना पड़ा था। कबीर दास, मीराबाई, गुरूनानक देव भी के मन में रविदास जी के प्रति बहुत सम्मान था।

ये सभी संत-महात्मा उस युग में अपने-अपने तरीके से सामाजिक कुरूतियों से लड़ रहे थे और समाज को आध्यात्म का सच्चा मार्ग दिखा रहे थे। गुरू रविदास जी ने हमे बताया कि मन की पवित्रता ही सबसे महत्वपूर्ण होती है। कार्यक्रम में राज्य के कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम एवं वन मंत्री केदार कश्यप भी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार को अभी दो माह ही हुए हैं। मोदी की गारंटी को पूरा करने में चल पड़े हैं। 18 लाख पीएम आवास की स्वीकृति दी जा चुकी है। किसानों से 04 फरवरी तक समर्थन मूल्य हम 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीद रहे हैं। हमारी सरकार ने प्रदेश के 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल का बकाया बोनस 3716 करोड़ रुपए किसानों के खाते में अंतरित कर दी है।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की एक और गारंटी पूरी होने जा रही है। इसके लिए हमने हाल ही में कैबिनेट बैठक में महतारी वंदन योजना पर भी मुहर लगा दी है। इस योजना से अब विवाहित माताओं-बहनों को प्रतिवर्ष 12 हजार रुपए सीधे उनके खातों में दिया जाएगा। यह राशि बहुत जल्द हितग्राहियों के खाते में आएगी।

कार्यक्रम को कृषि मंत्री राम विचार नेताम, सासंद चुन्नी लाल साहू, बसना विधायक संपत अग्रवाल, पूर्व विधायक डॉ विमल चोपड़ा ,गुजरात से पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री आत्माराम परमार ने भी संबोधित किया। इस मौके पर पूर्व विधायक रूप कुमारी चौधरी प्रशांत श्रीवास्तव, धु्रव कुमार मिर्धा, बुद्धेश्वर सोनवानी,देवेंद्र रौटिया सहित समाज के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में गुरु रविदास महासभा के सदस्य मौजूद थे।

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