पटना. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट आज (सोमवार, 12 फरवरी) होना है. इसको लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ओर से ‘खेला होने’ के दावे किए जा रहे हैं. विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले नींद उड़ी हुई है, क्योंकि जेडीयू के 4 विधायक लापता बताए जा रहे हैं. फ्लोर टेस्ट से पहले रविवार को जेडीयू के विधानमंडल की बैठक हुई. फ्लोर टेस्ट से पहले अमित शाह ने कमान संभाल ली है. गया में चल रही बीजेपी विधायकों की वर्कशॉप को शाह ने वर्चुअली संबोधित किया.
इस वर्कशॉप में 3 विधायकों के नहीं पहुंचने से पार्टी की चिंता बढ़ गई है. बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े गया में विधायकों के साथ मौजूद हैं. इधर, पटना में जगह-जगह तेजस्वी के समर्थन में पोस्टर लगे हैं. जिनमें में लिखा है- बिहार की है मंजूरी, तेजस्वी है जरूरी. अपने विधायक टूटें नहीं, इसके लिए आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस और भाजपा ने बाड़ेबंदी की है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव पहुंच चुके हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पार्टी के सभी विधायकों को अपने आवास पर ठहराया हुआ है.
पार्टियों ने अपने विधायक घेरे
नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायकों की बैठक मंत्री विजय चौधरी के आवास पर बुलाई. बैठक में 4 विधायक नहीं पहुंचे हैं. चारों विधायक बीमा भारती, संजीव सिंह, दिलीप राय और सुदर्शन शनिवार को भी मंत्री श्रवण कुमार के बंगले पर आयोजित भोज में नहीं पहुंचे थे. रूपौली विधायक बीमा भारती का मोबाइल स्विच ऑफ है. इधर कांग्रेस के विधायक फ्लोर टेस्ट के लिए हैदराबाद से पटना पहुंचकर सीधे तेजस्वी के आवास पहुंच चुके हैं. आरजेडी के दो विधायक तेजस्वी के बंगले पर नहीं हैं. इनमें पटना की विधायक बाहर हैं. उनके बारे में कहा जा रहा है कि सत्ता पक्ष के तरफ से उन्हें लोकसभा का ऑफर है. सीवान के विधायक मुस्लिम राजनीति के चलते नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं.
स्पीकर को हटाने के लिए चाहिए 122 MLA
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि बिहार विधानसभा में स्पीकर को हटाने के लिए असेंबली के एक्चुअल सदस्यों यानी 243 में से 122 चाहिए. यह सर्वोच्च न्यायालय का भी निर्देश है. महाराष्ट्र के मामले में भी ऐसा ही निर्देश है. इसमें किसी तरह का पेंच नहीं होना चाहिए. राज्यपाल के अभिभाषण के बाद पहली कार्यवाही स्पीकर के अविश्वास प्रस्ताव पर होगी.
क्या है विधानसभा का अंकगणित?
बता दें कि बिहार विधानसभा में 243 विधायक हैं और बहुमत का आंकड़ा 122 है. विपक्ष की नजर ओवैसी की पार्टी AIMIM के इकलौते विधायक पर है. अगर AIMIM ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया तो बहुमत हासिल करने का जादुई आंकड़ा 121 हो जाएगा. सत्तारूढ़ गठबंधन में बीजेपी के 78, जेडीयू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय विधायक हैं. इस तरह यह आंकड़ा 128 का है, जो बहुमत के जादुई आंकड़े से 6 ज्यादा है. वहीं विपक्ष के पास 144 विधायक बताए जा रहे हैं. अगर जेडीयू के 4 विधायकों ने बागी तेवर अपनाए तब भी सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में 124 विधायक होंगे.