रायपुर : महतारी वंदन योजना पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने राज्य सरकार के नीति पर सवाल उठाते हुये कहा कि महतारी वंदन योजना में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा जानकारी दिया गया था कि 74 लाख फार्म महिलाओं के द्वारा भरा गया। लेकिन लिस्ट आती है आंगनबाड़ी में वही लिस्ट को दिखाया जाता है तो सिर्फ 27 लाख से कम महिलाओं का नाम महतारी वंदन योजना के लिये पात्र बताया जा रहा है।
आज प्रदेश की महिलायें जानना चाहती है कि लगभग 80 प्रतिशत महिलायें किस कारणों से महतारी वंदन योजना से अपात्र हो गयी है। साय सरकार ने मापदंड के जाल बिछा दिये थे। महिलायें अपने विवाह प्रमाण पत्र, पेन कार्ड विभिन्न तरह से डाक्यूमेंट बनाने इस कार्यालय से उस कार्यालय धक्का खा-खाकर लंबी लाईन में खड़े होकर महतारी वंदन योजना के मापदंड पूरा करके फार्म भरती है। महतारी वंदन योजना के नाम से फार्म का 20 रू. लिये जाते थे और फार्म जमा करने के नाम पर 50-50 रू. लिये गये थे। उसके बाद भी लगभग 80 प्रतिशत महिलाओं को महतारी वंदन योजना के लाभ से वंचित रखना भाजपा का षडयंत्र है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि महतारी वंदन योजना में भारतीय जनता पार्टी की ही महिलाओं को अधिक प्राथमिकता दिया गया है। इसलिये आज लगभग 80 प्रतिशत महिलायें हर मापदंड पूरा करने के बाद भी अपात्र हो गयी। राज्य सरकार आधे अधूरे तैयारी कर महतारी वंदन योजना तो लागू कर दिये जहां शासन की उदासीनता साफ नजर नहीं आती है।
कर्मचारियों को कोई प्रशिक्षण नहीं जो कर्मचारी महतारी वंदन कार्य में लगे थे जब महिलाये जानकारी देने जाती थी तो वे सही जानकारी देने में असमर्थ थे। इतना अधिक नियम लगाए थे केवाईसी के लिये महिलाये रात 2 बजे से लाईन में लगी हुयी थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पैन कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र इत्यादी निःशुल्क बनता था और मितान के जरिये घर पहुंच सेवा भी था। लेकिन भाजपा सरकार बनते ही कोचिया गिरी चालू हो गया है।
हर काम के पीछे कमीशन का खेल शुरू हो गया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि महतारी वंदन योजना में 80 प्रतिशत महिलाओं को अपात्र घोषित कर महिलाओं का अपमान किया जा रहा है। मोदी की गारंटी था कि प्रत्येक विवाहित महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ मिलेगा, लेकिन सरकार बनते ही मन में छल कपट आ गया और विभिन्न तरह के मापदंड लागू किये। मोदी की ये गारंटी सिर्फ एक जुमलेबाजी साबित हुआ।