बिलासपुर

भरथरी गायिका सुरुज बाई खाण्डे को किया गया श्रद्धांजलि अर्पित

बिलासपुर ब्यूरो चीफ विवेक टंडन 7970083688

विवेक टंडन– पचपेड़ी 

10 मार्च 2024 को अन्तर्राष्ट्रीय भरथरी गायिका सुरुज बाई खाण्डे जी की स्मृति दिवस पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए *सुरुज ट्रस्ट* के सौजन्य से संत गुरु घासीदास महाविद्यालय पचपेड़ी, मस्तूरी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष सुश्री दीप्ति ओग्रे जी कहती हैं कि हमारे ट्रस्ट द्वारा खाण्डे जी को श्रद्धांजलि अर्पण करने के लिए एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित किया गया है जो कि सुरुज बाई खाण्डे जी के जीवनी और भरथरी गाथा एवं भरथरी गायन विधा पर आधारित है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भरथरी गायिका श्रीमती रेखा जलक्षत्री जी , मुख्य वक्ता नंदकिशोर तिवारी जी पूर्व कुल सचिव गुरु घासीदास विश्वविद्यालय,विशिष्ट अतिथि श्री जितेन्द्र कुमार पाटले संचालक संत गुरु घासीदास महाविद्यालय पचपेड़ी, श्री हरप्रसाद निडर वरिष्ठ साहित्यकार, श्री भरत मस्तुरिहा वरिष्ठ साहित्यकार, श्री गोवर्धन मार्शल वरिष्ठ साहित्यकार, समाज सेवी एवं लोक गायक हृदय प्रकाश अनंत जी प्रदेशाध्यक्ष सतनाम संस्कृति एवं सतनाम संगीत अकादमी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

कार्यक्रम में प्रथमत: दीपप्रज्ज्वलन के बाद सुरुज बाई खाण्डे जी को पुष्पांजलि अर्पित की गई जिसके बाद राजगीत पर सभी सम्मान व्यक्त किए और पंथी नृत्य के साथ कार्यक्रम में एक अध्यात्मिक शांति और सूकुन स्थापित हुआ तत्पश्चात् भरथरी गायिका श्रीमती रेखा जलक्षत्री जी एव उनके शिष्य प्रांजल सिंह राजपूत जी के द्वारा भरथरी गीत की प्रस्तुति दी गई। ततपश्चात डॉल्टन भारती

व उनके साथी – ओमप्रकाश सोनवानी, सूरज आगरे, रोशन कुमार, प्रमोद डहरिया, हिमेश डहरिया, गौरीशंकर गेंदले, अविनाश, करन महिलांगे, निखिल, युवराज टण्डन, सतीश नवरंग, द्वारा पंथी नृत्य किया गया,

 

और कार्यक्रम की रूपरेखा के आधार पर आगे एक दिवसीय संगोष्ठी का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ जिसमें शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले थे डॉ.राजेश कुमार मानस,डॉ.गोकुल प्रसाद बंजारे,मिनेश साहू,हर प्रसाद निडर, दुर्गेश कर्माकर,डॉ.चंद्रशेखर खरे, सुनीता कुर्रे,ओम प्रकाश सोनवानी,डॉ.रविशंकर,मिलन मलरिहा,महेतरु मधुकर एवं कार्यक्रम राहुल देव भारद्वाज जी के कुशल मंच संचालन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में जगतारण डहरे, दुर्गा प्रसाद मेरसा, दिलीप भूषण कुर्रे, बुंदराम जांगड़े, कार्तिक पुराण धृतलहरे, रामगोपाल भार्गव, राधेश्याम पाटले, आदि उपस्थित रहे।

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