धमतरी : वैसे तो रंगो का त्यौहार होली आने वाले 25 मार्च को मनाई जाऐगी, पर अपने अनोखे दस्तूर के चलते धमतरी जिले के सेमरा गाॅव के लोग बुधवार को होली मना लिया, हफतेभर पहले ही त्यौहार मनाने सदियो की इस परम्परा को मौजूदा पिढियॅा भी आगे बढा रही है, अब वो चाहे फागून का हो या फिर दशहरा,दिवाली, बिना यह माने कि एैसा आस्था नही अधंविश्वास के चलते भी हो सकता है, बताया जाता है कि इस दस्तूर को तोडने पर कोई ना कोई अनहोनी हो जाती हैै, खैर दिगर जगहो से अलहदा त्यौहार मनाने का ये तरिका अब इस गाॅव की पहचान बन चूका है।
दरअसल वक्त जरुर बदला लेेकिन सेमरा गाॅंव के दस्तूर आज भी कायम है, जी हाॅ धमतरी से करीब 35 किमी दूर सेमरा मे हप्तेभर पहले ही होली को मना ली गई है, दिगर जगहो की तरह इस गाॅव के हर घर मे खुशियाॅ बिखरेगी और अबीर गुलाल के रंगो से फिजाॅ सतरंगी होगी, धमतरी के इस गाॅव मे हफतेभर पहले ही त्यौहार मनाने का अनोखा दस्तूर है, अब वो चाहे फागून का हो या फिर दशहरा, दिवाली इस दस्तूर के अतीत मे छिपी है। ग्रामीणों के मुताबिक.एक दास्तॅा है कि सदियो पहले गाॅव के देवता सिदार ने सपने मे कहा था कि हर त्यौहार मनाने के पहले उन्हे हूमधूप देना जरुरी है, जिसके चलते आज भी गाॅव के लोग अपने गाॅव के देवता को खूश करने हर त्यौहार हफतेभर पहले मनाते आ रहे है, जो अब एक परम्परा बन गई है।
भले ही आज के जमाने के लोग इस पर यकिन ना करे लेकिन बताया जाता है, कि एैसा नही करने से उनके उपर आफत आ सकती है, जबकि सदियो से चली आ रही इस परम्परा को यूवा वर्ग भी अन्धविष्वास के बजाए। आस्था से जोडकर देखता है…और इसे आगे सन्जोऐ रखने का यकिन दिलाती है। उनकी माने इसी दस्तूर के बहाने उन्हे अपने रिश्तेदारो से मिलने और मेहमान नवाजी का मौका मिल जाता है। जो यॅहा त्यौहार देखने आते है।
वैसे तिथि से पहले त्यौहार मनाऐ जाने की वजह से ये गाॅव भी काफी मशहूर हो गया है। जिसे देखने लोग दूरदराज से आते है। त्यौहार के तौरतरिको के बारे मे इस गाॅव की महिलाऐ का कहना दिगर जगहो की तरह ही अलसूबह से वे इसकी तैयारी मे लग जाती है। बाद इसके पूजापाठ के साथ पूरा परिवार ओर गाॅव खूशी के उत्सव मे शामिल हो जाता है।