अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होने के बाद, इंटरनेट पर रामलला की मूर्ति द्वारा पलकें झपकाए जाने का एक वीडियो वायरल हुआ है। लेकिन उस वीडियो के पीछे की सच्चाई के बारे में जानना है तो पूरा लेख पढ़ सकते हैं।
अयोध्या का प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होने के कुछ ही घंटों बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें प्रभु श्री राम के मंदिर में स्थापित की गई रामलला की मूर्ति अपनी आँखें या पलकें झपकाती (Ayodhya Ram Lalla Murti Blinks Eyes) नजर आ रही है। यकीन मानिए यह दृश्य बहुत ही मनमोहक है और एक पल को सच्चे ‘राम-भक्त’ मंत्रमुग्ध हो जा रहे हैं।
चेहरे अब शांत भाव, मनमोहक सी मंद मुस्कान के साथ झपकती पलकें भगवान राम की इस मूर्ति को मानों के जीवंत स्वरूप प्रदान करती हैं। इतना ही नहीं बल्कि प्रभु की मूर्त जिस तरह वीडियो में मुस्कुराहट बिखेरती और दोनों ओर गर्दन फेरती दिखाई पड़ रही है, वह ऐसा एहसास दे रही है मानों श्री राम अपने भक्तों पर कृपा दृष्टि डाल रहे हों!
ऐसे में इस वीडियो का इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो लाजमी ही था। जिसने भी इस वीडियो को पहली बार देखा वह हैरान ही रह गया। लेकिन सभी के सामने यह सवाल है कि ‘प्राण प्रतिष्ठा‘ कार्यक्रम के ठीक एक दिन पहले अयोध्या में प्रभु राम की जिस मूर्ति का अनावरण किया गया, क्या वाकई वह मूर्ति अपनी पलक झपका रही है?
Ayodhya Ram Lalla Murti Blinks Eyes
पहली नजर में यह वीडियो भगवान की लीला के लिहाज से किसी जादुई करिश्में से कम नहीं लगता और बिल्कुल प्रामाणिक-सा मालूम होता है। लेकिन हकीकत यह है कि इस वीडियो को ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ (एआई) तकनीक के सहारे तैयार किया गया है।
ऐसे कई एआई ऐप्स बाजार में उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से किसी तस्वीर को वीडियो में परिवर्तित कर उसे हकीकत की तरह पेश किया जा सकता है। लेकिन जो लोग इस तकनीक से अनजान हैं, वह इसे पहली बार देखनें पर किसी चमत्कार से कम नहीं समझ रहे।
ऐसे समय जब लगभग 500 वर्षों के इंतजार के बाद इतने भव्य तरीके से एक दिन पहले ही रामलला की इस प्रतिमा को अयोध्या मंदिर में स्थापित किया गया हो, यह वीडियो भक्तों को और भाव-विभोर कर देता है।
Balak Ram: बालक राम होगा मूर्ति का नाम
इस बीच आज आधिकारिक रूप से अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर में स्थापित इस मूर्ति को ‘बालक राम’ (Balak Ram) नाम दे दिया गया है। मंदिर के पुजारियों के हवाले से कहा जा रहा है कि यह रामलला की मूर्ति किसी 5 वर्षीय बच्चे के समान ही प्रतीत होती है, इसलिए इसे बालक राम का नाम दिया गया है।