रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा की छठवें दिन की कार्यवाही दो दिन के अंतराल के बाद सोमवार को फिर शुरू हो गई है। इस दौरान छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के पेंशन योजना का मुद्दा आज विधानसभा में उठा। भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला के प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि केन्द्र सरकार से नही, अपितु पीएफआरडीए से कुल राशि रूपये 19136.81 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त होना है।
उन्होंने बताया कि ओपीएस की सहमति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के लिए एनपीएस खाते में नियमित राशि प्रतिमाह जमा नहीं होने पर उनके खाते को नियमित/जीवित रखने के संबंध में पीएफआरडीए अधिनियम में खाते के अप्रचलित होने संबंधी प्रावधान नहीं है। वर्तमान में एनपीएस विकल्प का चयन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन से ही एनपीएस योजना के प्रावधान अनुसार नियमित कटौती की जा रही है। ओपीएस के विकल्प लेने वाले कर्मचारियों के पूर्व में एनपीएस अंशदान के रूप में वेतन से कटौती की जाकर एनएसडीएल में जमा की गई राशि में से शासकीय अंशदान एवं उस पर आहरण दिनांक तक अर्जित लाभांश की राशि शासकीय सेवक के मृत्यु/सेवानिवृत्त होने पर उनके एनपीएस खाते के अंतिम भुगतान से शासकीय कोष में जमा की जावेगी। I
एक प्रश्न के जवाब में मंत्री चौधरी ने बताया कि फिलहाल राज्य में पुरानी पेंशन योजना ही लागू रहेगी। इमसें बदलाव का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
चौधरी ने आरोप लगाया कि दरअसल ओपीएस लागू करने के पीछे तत्काली सरकार की मंशा वह 19 हजार करोड़ रुपये को हासिल करना था, जो पीएफआरडीए में जमा है। तत्कालीन सरकार की गिद्ध दृष्ठि उस पैसे पर थी। लेकिन यह राशि राज्य सरकार को नहीं मिलेगी बल्कि जैसे- जैसे कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे वैसे-वैसे राशि प्राप्त होती जाएगी।