रायपुर। भारत सरकार द्वारा असाक्षरों को साक्षर बनाने के उद्देश्य से चलाये जाने वाले योजना प्रौढ़ शिक्षा अभियान एक बार फिर से प्रदेश में शुरू होने जा रहा है। इसके लिए बहुत जल्द ही स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हांकन किया जाएगा | राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक राजेंद्र कुमार कटारा ने कहा नीति आयोग द्वारा निर्धारित आकांक्षी जिलों व प्रदेश के कम साक्षरता दर वाले पिछड़े जिलों को शत प्रतिशत साक्षर बनाए जाने की कोशिश की जा रही है ।
स्कूलों व कॉलेज के विद्यार्थी , गांव में रहने वाले पढ़े लिखे सदस्य, रिटायर्ड पर्सन और ऐसे व्यक्ति जो अपने आसपास के असाक्षरों को साक्षर करना चाहते हैं , उन्हें इस कार्य के लिए प्रेरित किया जाएगा।इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा इसके लिए एनसीईआरटी दिल्ली से प्रशिक्षक आएंगे। आजादी के समय से ही अशिक्षित व्यस्कों को साक्षर करने के उद्देश्य से एक शिक्षा अभियान चलाया जा रहा है, जिसे प्रौढ़ शिक्षा के नाम से जाना जाता रहा है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एक बार फिर से प्रौढ़ शिक्षा शुरू होने जा रहा है, परंतु इस बार उसके नाम में बदलाव किया गया है अब इस अभियान को ‘सबके लिए शिक्षा‘ के नाम से जाना जाएगा। सबके लिए शिक्षा‘ के अंतर्गत साल में दो बार परीक्षा आयोजित किए जाएंगे ,जो मार्च और सितंबर में होगा। इस वर्ष राष्ट्र व्यापी महापरीक्षा अभियान 17 मार्च को आयोजित की जाएगी, इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है ।
एप के जरिए होगा सर्वे
प्रदेश में अब तक असाक्षरों का सर्वे ऑफलाइन मोड में ही होता था , इसके बाद उनसे संबंधित जानकारी को ऑनलाइन फील किया जाता था | अब ऐसा नहीं होगा , केंद्र सरकार के उल्लास एप के माध्यम से सर्वे कार्य होगा , इससे किस जिले में कितने असाक्षर हैं, उनकी आयु कितनी है, यह सभी जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध रहेगी।