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लोकेशन –मस्तूरी
रिपोर्ट –विश्वप्रकाश कुर्रे

स्लग –अमलडीहा रेत खदान से आस–पास के गांवों के आम लोगो हो रही है कई तरह की परेशानी….

बिलासपुर। मस्तूरी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अमलडीहा  के शिवनाथ नदी व नालों में उत्खनन पर रोक लगने के बाद भी रेत का अवैध धंधा जोरों से चल रहा है। रात के अंधेरे में शिवनाथ नदी व आसपास के नालों से रेत का अवैध खनन और परिवहन जारी हैं खनन माफिया ट्रैक्टर से मजदूरों के मदद से रेत निकाल रहे हैं। मशीनों का उपयोग बंद कर दिया गया है। दूसरी ओर खनिज अधिकारी नींद में हैं। धीरे-धीरे कार्रवाई बंद कर दी गई है। रेत माफिया दिन में कम और रात में ज्यादा अवैध रेत का परिवहन कर रहे हैं। पुलिस कभी-कभार कार्रवाई करती है। रात को पूरा समय अलग-अलग क्षेत्र में निरीक्षण नहीं करती। इस बीच रेत माफिया ट्रैक्टर से रेत परिवहन कर रहे हैं। खनिज अधिकारी सिर्फ दिन में निरीक्षण करने जाते हैं। इस समय नदी व नाला सूना पड़ा रहता है। इससे वे खाली हाथ लौट आते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रात 12 बजे से सुबह चार बजे तक सिर्फ रेत के ट्रक व ट्रैक्टर निकलते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि रेत पर रोक लगने के बाद भी खुलेआम इसका अवैध धंधा जारी है। अमलडीहा रेत खदान का पट्टेदार निलेश चंद्र भार्गव को अमलडीहा सरपंच प्रतिनिधी एवं ग्रामीणों द्वारा रात को रेत निकालने से कई बार मना किया। उसके बाद भी अपनी मनमानी करने से बाज नही आ रहें है। जिससे ग्रामीणों को रात मे चलने वाली वोवर लोड हाईवा से ग्रामीणों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
रेत परिवहन से सड़कें जर्जर
यहां से दिन-रात अवैध रेत परिवहन करने के कारण सड़क जर्जर हो चुकी है। इससे गांव के रहने वाले लोगों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। रेत परिवहन से यहां के लोगों को सबसे अधिक दिक्कत होती है। सड़क की मरम्मत के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इतना ही नही बल्कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् बने सड़क जिसकी छमता 12 टन है, लेकिन इस पर कई टन की वोवर लोड हाईवा इस सड़क पर दौड़ रही है, दौड़ने के साथ–साथ भारी स्पीड से हाईवा चल रहीं ही और मोड़ जगहों पर दुर्घटना का शिकार भी हो रही है, ऐसे लापरवाह क्रियाओं को देखकर ग्रामीणों मे एक डर सा समा गया है और सड़कों पर चलना जान का खतरा भी बनी हुई है।

 

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