मस्तूरी थाना के डायल 112 के ड्राईवर, आरक्षक किसी गुंडा से कम नही.. साथ ही थाना प्रभारी का मिल रहा सरंक्षण
डायल 112 को एक आपत कालीन सेवा के लिए जाना जाता है, डायल 112 की मदद से हर तरह की मुसीबत के समय याद किया जाता है, चाहे डीलवरी, सड़क दुघर्टना, झगड़ा लड़ाई ऐसे अनेकों समय मे पहुंच कर समस्याओं का निराकरण किया जाता है। लेकिन मस्तूरी थाना के डायल 112 की गुंडागर्दी तब देखने को मिलीं जब दिनांक 20.09.2024 को सतीश खरे पिता स्व. नारायण खरे उम्र 40 वर्ष निवासी किसान परसदा ने अपने सगी मां से 8.0 बजे रात को वाद विवाद हो रहा था तभी सतीश की मां ने उसी दौरान डायल 112 को काल करके बुलाया और डायल 112 ने समय 10.30 बजे के आस–पास ग्राम किसान परसदा पहुंचते ही प्रार्थी सतीश खरे को ड्राईवर शैलेन्द खांडेकर और आरक्षक जयंत यादव ने डायल 112 वाहन से उतरकर उसके घर गई फिर बाहर बुलाया और बिना पूछताछ किए अंधाधुन लाठिया बरसाने लगा लगभग 25 से 30 लाठी पीटा गया जिससे प्रार्थी के कमर के निचे चोट का निशान भी पड़ा है, इतने मे संतुष्टि नही हुई तो आरक्षक जयंत यादव द्वारा प्रार्थी सतीश के गालों को भी कई झापड़ मारा गया। प्रार्थी ने इसकी शिकायत मस्तूरी थाना प्रभारी अवनीश पासवान से की गई, लेकीन थाना प्रभारी द्वारा अपने स्टाफ को बचाने के चक्कर मे इस शिकायत पर कोई प्रकार की कार्यवाही नही किया गया, इससे साफ पता चलता है की मस्तूरी थाना प्रभारी अवनीश पासवान के सरंक्षण मे ये सब हो रहा है और पुलिस की वर्दी पहन कर गुंडागर्दी कर रहें है।
जब प्रार्थी की शिकायत थाने मे नही सुनी तो दिनांक 23.09.2024 को पुलिस अधिक्षक के पास जाकर इसकी शिकायत किया उसके बाद प्रार्थी अपने घर आ गया और समय 8.0 बजे मस्तूरी थाना प्रभारी अवनीश पासवान अपने 4–5 स्टॉफ को लेकर प्रार्थी सतीश खरे के घर पहुंचकर हमारे खिलाफ शिकायत करते हो कहकर गाली गलौच देने लगे और चल थाने मे तेरे को बताते है बोलकर धमकी भी देने लगे। अब देखना होगा की क्या ऐसे ड्राईवर और पुलिस वालो पर कोई कार्यवाही होगी या फिर इनकी मनमानी ऐसे ही चलती रहेगी।