किरारी मस्तूरी मे हुवा महाशिवरात्रि के अवसर पर भव्य मेले का शुभारंभ पढ़े पूरी खबर
मस्तूरी : माघ बड़ी तेरस महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान श्री लटेश्वरनाथ के नाम पर ग्राम किरारी में लगने वाला साप्ताहिक मेले का आयोजन गुरुवार को भगवान श्री लटेश्वरनाथ में जलाभिषेक के साथ प्रारंभ हो गया। ग्राम किरारी – मस्तूरी के मध्य स्थित लटिया तालाब के मेंढ़ पर विशालकाय बरगद झाड़ के समीप विराजमान भूफोड़ महादेव श्री लेटेश्वरनाथ मंदिर का पट माघ बडी तेरस महाशिवरात्रि के दिन गुरुवार को प्रातः काल चार बजे खुलते ही आसपास गांव सहित दूर दराज से पहुंचे कांवरियों का जत्था व श्रद्धाल मंदिर प्रांगण में बम बम भोलेनाथ, बोल बम -बोल बम,हर हर महादेव जैसे उद्घोष के साथ जलाभिषेक करने उमड़ पड़े थे। महिलाएं तांबे के लोटे में जल, दूध ,सहित थाली में श्रीफल ,अगरबत्ती, कुमकुम ,बेलपत्र, धतूरा व फूल सहित पूजा सामग्री लिए भगवान के दरबार में पहुंचे और पूरी श्रद्धा भाव के साथ पूजा अर्चना कर मत्था टेके।मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं कि भीड़ इतनी अधिक हो गई थी कि मंदिर समिति के सदस्य काफी मशक्कत के बाद नियंत्रित कर पाए। श्रद्धालुओं को कतारबद्ध लगाकर पूजा करना शुरू किया गया पूजा का यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा।और इसी के साथ माघ बड़ी तेरस के दिन लगने वाले एक सप्ताह के मेले का आगाज हो गया।
मेला स्थल में सुसज्जित रूप से दुकानों को लगवाने वाले ग्राम पंचायत किरारी के सरपंच कुंजराम बेन उपसरपंच राहुल सिंह अपने पंचायत प्रतिनिधि व सहयोगियों के साथ लगातार मेला स्थल पर पहुंच रहे व्यापारियों की प्रतिष्ठानों को सुसज्जित रूप से लगवाने में निरंतर रूप से जुटे हुए। मेले में मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के पारंपरिक और आधुनिक साधन उपलब्ध है ।बच्चे व बड़े बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार का आधुनिक सिनेमाघर, हवाई झूला, मौत का कुआं, झूला, जादूगर ,होटल, मनिहारी, कपड़ा, बर्तन व जूता चप्पल सहित अनेक प्रकार के लोक लुभावन प्रतिष्ठानों के स्टाल लग गए हैं।
ज्ञात हो कि माघ बड़ी तेरस महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर शताब्दी पुरानी भूफोड़ महादेव श्री लटेश्वरनाथ के नाम पर लगने वाला एक सप्ताह का मेले में किरारी मस्तूरी सहित ग्राम भदौरा, जयरामनगर, खैरा, पाराघाट, बेलटूकरी,एरमसाही, रलिया, भिलाई, ईटवा, पाली,सरसेनी मल्हार, पचपेड़ी ,ओखर, चिल्हाटी सहित दुर दराज के हजारों श्रद्धालु महिला पुरुष बच्चे कांवरियों के जत्थे में सामिल हो कर पहुंचे थे ।