बिलासपुर

जमीन लेकर नौकरी नही दिया राशि स्टील एंड पॉवर लिमिटेड पराघाट, ग्रामीणों ने प्लांट पर लगाया आरोप…

गुस्साए ग्रामीणों ने नौकरी की मांग को लेकर राशि स्टील एंड पॉवर लिमिटेड का किया घेराव...

जमीन लेकर नौकरी नही दिया राशि स्टील एंड पॉवर लिमिटेड पराघाट, ग्रामीणों ने प्लांट पर लगाया आरोप…

 

गुस्साए ग्रामीणों ने नौकरी की मांग को लेकर राशि स्टील एंड पॉवर लिमिटेड का किया घेराव…

मस्तूरी –मस्तूरी क्षेत्र के पराघाट मे स्थित राशि स्टील एंड पॉवर लिमिटेड मे ग्रामीणों ने लगातार दो दिनों से चल रहे घेराव मे ग्रामीणों का कहना है की 11–12 वर्ष पूर्व मे जो किसानों के जमीन प्लांट द्वारा खरीदा था, उसमे प्रत्येक किसान के परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी देना था और दिया भी था। जब प्लांट स्थानीय किसानों से 16 माह पहले फिर जमीन लिया गया तो प्लांट द्वारा बोला गया था की जिसका भी जमीन को प्लांट खरीदेगी उसके परिवार से एक व्यक्ति को योग्यता के अनुसार नौकरी दिया जाएगा। लेकीन 16 माह बीत जाने के बाद भी प्लांट द्वारा एक भी व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई नौकरी नही दिया और अब ग्रामीणों की मांग है की हमे प्लांट के नौकरी दे या हमारी जमीन को दे। जब इस मामले मे ग्रामीण और प्लांट के बीच पुलिस प्रशासन की उपस्थिति मे बात चित हुआ तो प्लांट द्वारा नौकरी देने से साफ मना कर दिया और जमीन को 7 दिन के अंदर पैसा वापिस कर दो हम जमीन वापिस कर देगें बोला गया। किसानों ने इस निर्णय पर कुबूल करते हुऐ प्लांट से कहा की जितने दिनो से जमीन बेचे थे उतने दिनो का हरजाना प्लांट को देनी होगी फिर हम प्लांट का पैसा वापिस करने के साथ साथ उस जमीन का मलबा हटाकर कृषि उपजाऊ जमीन बनाकर देना होगा।

पीड़िता –शिव कुमारी सोनी पति स्वं. गोकुल सोनी निवासी पराघाट का कहना है की 11 वर्ष पहले उसके बड़े लड़के को नौकरी दिया गया था, लेकीन जब प्लांट द्वारा दूसरी बार जमीन खरीदी तो प्लांट मालकिन ने 3 माह के अंदर नौकरी देने की बात कही गई थी लेकीन अब तक 16 माह बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार की कोई नौकरी नही दिया गया है।

अतः प्राभावित ग्रामीणों का कहना है की अगर प्लांट द्वारा 7 दिन के अंदर जमीन वापिस नही किया तो धरने पर बैठ जाएंगे और जरूरत पड़ने पर उग्र आन्दोलन भी करेंगे।

जब प्लांट के जनरल मैनेजर विनोद तिवारी– से जानकारी लिया गया तो बताया की हम किसानों की जमीन को 11 वर्ष पहले प्लांट द्वारा खरीदा गया था, जिसमे हमने प्रत्येक किसानों के परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी दिया गया था, जब किसानों की जमीन को दूसरी बार 16 माह पहले खरीदा था, लेकीन हम अब नौकरी देने मे सक्षम नही है।

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